एभिर्बाहुप्रयुक्तैश्च परिघै: शूलपट्टिशै:।
प्राणांस्त्यक्ष्यसि वीर्यं च धनुश्च करपीडितम्॥ १५॥
अनुवाद
तेरे हाथों में दबे हुए इस धनुष, बल-पराक्रम के घमंड और अपने प्राणों को भी एक साथ ही त्यागना पड़ेगा, जब तेरे ऊपर ये परिघ, शूल और पट्टिशा हमारी भुजाओं द्वारा छोड़े जाएँगे।