श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 20: श्रीराम द्वारा खर के भेजे हुए चौदह राक्षसों का वध  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  3.20.1 
 
 
तत: शूर्पणखा घोरा राघवाश्रममागता।
राक्षसानाचचक्षे तौ भ्रातरौ सह सीतया॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात् भयावह राक्षसी शूर्पणखा श्रीरामचंद्रजी के आश्रम पर पहुंची। उसने राक्षसों को उन दोनों भाइयों और उनके साथ सीता का परिचय कराया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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