वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 20: श्रीराम द्वारा खर के भेजे हुए चौदह राक्षसों का वध
»
श्लोक 1
श्लोक
3.20.1
तत: शूर्पणखा घोरा राघवाश्रममागता।
राक्षसानाचचक्षे तौ भ्रातरौ सह सीतया॥ १॥
अनुवाद
play_arrowpause
तत्पश्चात् भयावह राक्षसी शूर्पणखा श्रीरामचंद्रजी के आश्रम पर पहुंची। उसने राक्षसों को उन दोनों भाइयों और उनके साथ सीता का परिचय कराया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.