स रामं लक्ष्मणं चैव सीतां दृष्ट्वा च मैथिलीम्।
अभ्यधावत् सुसंक्रुद्ध: प्रजा: काल इवान्तक:॥ ८॥
स कृत्वा भैरवं नादं चालयन्निव मेदिनीम्॥ ९॥
अनुवाद
श्रीराम, लक्ष्मण और मिथिलेशकुमारी सीता को देखते ही रावण क्रोध में भरकर भैरवनाद करके पृथ्वी को कम्पित करता हुआ उनकी ओर उसी प्रकार दौड़ा, जैसे प्रलयकाल सब प्राणियों की ओर बढ़ता है। उसने भयंकर गर्जना की, जिससे धरती काँप उठी।