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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 2: वन के भीतर श्रीराम, लक्ष्मण और सीता पर विराध का आक्रमण
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श्लोक 5
श्लोक
3.2.5
गभीराक्षं महावक्त्रं विकटं विकटोदरम्।
बीभत्सं विषमं दीर्घं विकृतं घोरदर्शनम्॥ ५॥
अनुवाद
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उसकी आँखें गहरी और भयानक थीं। उसका मुँह बहुत बड़ा था। उसका आकार विकट था और उसका पेट बहुत विशाल था। वह देखने में बहुत भयानक, घृणित, बेडौल और बहुत बड़ा था। उसका वेश बहुत विकृत था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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