जाते-जाते लक्ष्मण के संग श्री राम ने वन के बीचो बीच एक ऐसे स्थान को देखा, जो नाना प्रकार के मृगों से भरा था। वहाँ अनेक भालू और बाघ निवास करते थे। वहाँ के पेड़, लता और झाड़ियाँ टूट-फूट कर नष्ट हो गई थीं। उस वनप्रदेश में किसी तालाब या नदी का दिखाई देना कठिन था। वहाँ के पक्षी वहीं चहक रहे थे। झींगुरों की आवाज गूंज रही थी।