श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 2: वन के भीतर श्रीराम, लक्ष्मण और सीता पर विराध का आक्रमण  »  श्लोक 13-14h
 
 
श्लोक  3.2.13-14h 
 
 
इयं नारी वरारोहा मम भार्या भविष्यति॥ १३॥
युवयो: पापयोश्चाहं पास्यामि रुधिरं मृधे।
 
 
अनुवाद
 
  "यह स्त्री अत्यंत सुंदर है, अतः यह मेरी पत्नी बनेगी और तुम दोनों पापियों का खून मैं युद्ध में पी जाऊंगा।"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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