श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.19.6 
 
 
देवगन्धर्वभूतानामृषीणां च महात्मनाम्।
कोऽयमेवं महावीर्यस्त्वां विरूपां चकार ह॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  'देवताओं, गंधर्वों, भूतों और महान ऋषियों में से कौन है जो इतना शक्तिशाली है जिसने तुम्हें इतना बदसूरत बना दिया है?"
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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