श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  3.19.23 
 
 
तौ हत्वा तां च दुर्वृत्तामुपावर्तितुमर्हथ।
इयं च भगिनी तेषां रुधिरं मम पास्यति॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  ‘तुमलोग वहाँ जाकर पहले उन दोनों पुरुषोंको मार डालो; फिर उस दुराचारिणी स्त्रीके भी प्राण ले लो। मेरी यह बहिन उन तीनोंका रक्त पीयेगी॥ २३॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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