श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  3.19.22 
 
 
मानुषौ शस्त्रसम्पन्नौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ।
प्रविष्टौ दण्डकारण्यं घोरं प्रमदया सह॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  वीरो! इस दुर्गम दण्डकारण्य के भीतर चीर और काले मृगचर्म को धारण किए हुए दो सशस्त्र पुरुष एक युवती स्त्री के साथ प्रवेश कर गए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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