श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  3.19.14 
 
 
तरुणौ रूपसम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ।
पुण्डरीकविशालाक्षौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  भाई! जंगल में दो जवान पुरुष आए हैं। वे बहुत ही सुंदर, रूपवान और शक्तिशाली हैं। उनकी आँखें कमल के फूलों की तरह बड़ी और सुंदर हैं। वे दोनों कपड़े और हिरण की खाल पहने हुए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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