वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना
»
श्लोक 13
श्लोक
3.19.13
इति भ्रातुर्वच: श्रुत्वा क्रुद्धस्य च विशेषत:।
तत: शूर्पणखा वाक्यं सबाष्पमिदमब्रवीत्॥ १३॥
अनुवाद
play_arrowpause
भाई खर का विशेषकर क्रोध से भरा हुआ यह कथन सुनकर, शूर्पणखा ने अपनी आँखों से आँसू बहाते हुए इस प्रकार कहा-
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.