श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 19: शूर्पणखा के मुख से उसकी दुर्दशा का वृत्तान्त सुनकर क्रोध में भरे हए खर का श्रीराम आदि के वध के लिये चौदह राक्षसों को भेजना  »  श्लोक 10
 
 
श्लोक  3.19.10 
 
 
कस्य पत्ररथा: कायान्मांसमुत्कृत्य संगता:।
प्रहृष्टा भक्षयिष्यन्ति निहतस्य मया रणे॥ १०॥
 
 
अनुवाद
 
  किस वीर की देह पर झुंड के झुंड पक्षी हर्षित होकर मांस खाएँगे, जिसे मैंने युद्ध के मैदान में मार गिराया है?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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