खर की बहन खूब सारे खून से लथपथ थी और भय और मोह के कारण बेहोशी की हालत में थी। उसने खर को बताया कि कैसे श्रीरामचंद्रजी सीता और लक्ष्मण के साथ जंगल में आए थे और उन्होंने उसे कुरूप कर दिया था।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डेऽष्टादश: सर्ग:॥ १८॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें अठारहवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ १८॥