श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 16: लक्ष्मण के द्वारा हेमन्त ऋतु का वर्णन और भरत की प्रशंसा तथा श्रीराम का उन दोनों के साथ गोदावरी नदी में स्नान  »  श्लोक 43
 
 
श्लोक  3.16.43 
 
 
कृताभिषेक: स रराज राम:
सीताद्वितीय: सह लक्ष्मणेन।
कृताभिषेकस्त्वगराजपुत्र्या
रुद्र: सनन्दिर्भगवानिवेश:॥ ४३॥
 
 
अनुवाद
 
  सीता और लक्ष्मण के संग स्नान करके भगवान श्री राम वैसे ही शोभायमान हुए जैसे पर्वतराज हिमालय की पुत्री पार्वती और नंदी के साथ गंगा नदी में स्नान करके भगवान शिव सुशोभित होते हैं।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्येऽरण्यकाण्डे षोडश: सर्ग:॥ १६॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके अरण्यकाण्डमें सोलहवाँ सर्ग पूरा हुआ॥ १६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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