श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 16: लक्ष्मण के द्वारा हेमन्त ऋतु का वर्णन और भरत की प्रशंसा तथा श्रीराम का उन दोनों के साथ गोदावरी नदी में स्नान  »  श्लोक 35
 
 
श्लोक  3.16.35 
 
 
भर्ता दशरथो यस्या: साधुश्च भरत: सुत:।
कथं नु साम्बा कैकेयी तादृशी क्रूरदर्शिनी॥ ३५॥
 
 
अनुवाद
 
  कैकेयी के पति राजा दशरथ हैं और उनका बेटा भरत सज्जन प्रवृत्ति का है, फिर वह किस प्रकार ऐसी निर्दयी हो गयी है?
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.