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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 3: अरण्य काण्ड
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सर्ग 16: लक्ष्मण के द्वारा हेमन्त ऋतु का वर्णन और भरत की प्रशंसा तथा श्रीराम का उन दोनों के साथ गोदावरी नदी में स्नान
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श्लोक 30
श्लोक
3.16.30
अत्यन्तसुखसंवृद्ध: सुकुमारो हिमार्दित:।
कथं त्वपररात्रेषु सरयूमवगाहते॥ ३०॥
अनुवाद
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अत्यंत सुखभोगी और कोमल भरत हिमरात्रि का कष्ट कैसे सहन कर पाते होंगे और रात के अंतिम पहर में सरयू नदी में स्नान कैसे कर पाते होंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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