श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 16: लक्ष्मण के द्वारा हेमन्त ऋतु का वर्णन और भरत की प्रशंसा तथा श्रीराम का उन दोनों के साथ गोदावरी नदी में स्नान  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  3.16.29 
 
 
सोऽपि वेलामिमां नूनमभिषेकार्थमुद्यत:।
वृत: प्रकृतिभिर्नित्यं प्रयाति सरयूं नदीम्॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  निश्चय ही भरत इसी समय स्नान के लिए उद्यत हो अपने मंत्रियों और प्रजा के साथ प्रतिदिन सरयू नदी के तट पर जा रहे होंगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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