श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 16: लक्ष्मण के द्वारा हेमन्त ऋतु का वर्णन और भरत की प्रशंसा तथा श्रीराम का उन दोनों के साथ गोदावरी नदी में स्नान  »  श्लोक 2
 
 
श्लोक  3.16.2 
 
 
स कदाचित् प्रभातायां शर्वर्यां रघुनन्दन:।
प्रययावभिषेकार्थं रम्यां गोदावरीं नदीम्॥ २॥
 
 
अनुवाद
 
  एक प्रभात के समय रघुकुल के नंदन श्रीराम, स्नान करने के लिए अत्यंत मनमोहक गोदावरी नदी के तट पर गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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