श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 15: पञ्चवटी के रमणीय प्रदेश में श्रीराम की आज्ञा से लक्ष्मण द्वारा सुन्दर पर्णशाला का निर्माण तथा उसमें सीता और लक्ष्मण सहित श्रीराम का निवास  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  3.15.26 
 
 
स तं दृष्ट्वा कृतं सौम्यमाश्रमं सह सीतया।
राघव: पर्णशालायां हर्षमाहारयत् परम्॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  देखिए भगवान श्रीराम और सीता उस सुंदर आश्रम को देखकर कितने प्रसन्न हुए और कुछ देर तक उसके अंदर खड़े रहे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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