उस आश्रम के बनाने का तरीका यह था कि सबसे पहले महाबली लक्ष्मण ने दीवार खड़ी की, फिर उसमें मजबूत खम्भे लगाये। उसके बाद बाँसों को तिरछे करके ऊपर रखा, जिससे कुटी देखने में बहुत सुंदर लगने लगी। फिर उन बाँसों पर उन्होंने शमी वृक्ष की शाखाएँ फैला दीं और उन्हें मजबूत रस्सियों से बाँध दिया, फिर ऊपर से कुश, कास, सरकंडे और पत्ते बिछाए, जिससे पर्णशाला छा गई। इसके बाद लक्ष्मण ने भूमि को समतल किया, जिससे कुटी अत्यंत रमणीय दिखने लगी। इस प्रकार लक्ष्मण ने भगवान श्रीराम के लिए एक बहुत ही सुंदर और आरामदायक निवास बना दिया।