वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 15: पञ्चवटी के रमणीय प्रदेश में श्रीराम की आज्ञा से लक्ष्मण द्वारा सुन्दर पर्णशाला का निर्माण तथा उसमें सीता और लक्ष्मण सहित श्रीराम का निवास
»
श्लोक 19
श्लोक
3.15.19
इदं पुण्यमिदं रम्यमिदं बहुमृगद्विजम्।
इह वत्स्याम सौमित्रे सार्धमेतेन पक्षिणा॥ १९॥
अनुवाद
play_arrowpause
"हे सुमित्रानंदन! यह स्थान अत्यंत पवित्र और मनोहारी है। यहाँ अनेक पशु-पक्षी निवास करते हैं। हम भी यहीं इन पक्षिराज जटायु के साथ रहेंगे।"
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.