वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना
»
श्लोक 9
श्लोक
3.14.9
दक्षो विवस्वानपरोऽरिष्टनेमिश्च राघव।
कश्यपश्च महातेजास्तेषामासीच्च पश्चिम:॥ ९॥
अनुवाद
play_arrowpause
चौदहवें दक्ष, पन्द्रहवें विवस्वान, सोलहवें अरिष्टनेमि और सत्रहवें प्रजापति अति तेजस्वी कश्यप हुए। रघुवंशी श्रीराम! इन्हीं कश्यप जी को अन्तिम प्रजापति कहा जाता है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.