श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  3.14.6 
 
 
पूर्वकाले महाबाहो ये प्रजापतयोऽभवन्।
तान् मे निगदत: सर्वानादित: शृणु राघव॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  हे महाबाहु रघुनंदन! जो प्रजापति पूर्वकाल में हो चुके हैं, उन सबका वर्णन करता हूँ, श्रवण करो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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