श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना  »  श्लोक 27
 
 
श्लोक  3.14.27 
 
 
ततो दुहितरौ राम सुरभिर्द्वे व्यजायत।
रोहिणीं नाम भद्रं ते गन्धर्वीं च यशस्विनीम्॥ २७॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम! आपका कल्याण हो। क्रोध की पुत्री सुरभी ने दो कन्याओं को जन्म दिया - रोहिणी और यशस्विनी गंधर्वी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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