वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 3: अरण्य काण्ड
»
सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना
»
श्लोक 25
श्लोक
3.14.25
हर्याश्च हरयोऽपत्यं वानराश्च तपस्विन:।
गोलाङ्गूलाश्च शार्दूली व्याघ्रांश्चाजनयत् सुतान्॥ २५॥
अनुवाद
play_arrowpause
हरि की संतानें हरि (सिंह) और तपस्वी (विचारशील) वानर और गोलांगूल (लंगूर) हैं। क्रोधवशा की बेटी शार्दूली ने बाघ को जन्म दिया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.