श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना  »  श्लोक 21-22
 
 
श्लोक  3.14.21-22 
 
 
दश क्रोधवशा राम विजज्ञेऽप्यात्मसंभवा:।
मृगीं च मृगमन्दां च हरीं भद्रमदामपि॥ २१॥
मातङ्गीमथ शार्दूलीं श्वेतां च सुरभीं तथा।
सर्वलक्षणसम्पन्नां सुरसां कद्रुकामपि॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  श्रीराम ने क्रोध में आकर अपने पेट से दस कन्याओं को जन्म दिया। उनके नाम इस प्रकार हैं: मृगी, मृगमंदा, हरी, भद्रमदा, मातंगी, शार्दूली, श्वेता, सुरभी, सर्वलक्षणसंपन्ना सुरसा और कद्रु।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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