दश क्रोधवशा राम विजज्ञेऽप्यात्मसंभवा:।
मृगीं च मृगमन्दां च हरीं भद्रमदामपि॥ २१॥
मातङ्गीमथ शार्दूलीं श्वेतां च सुरभीं तथा।
सर्वलक्षणसम्पन्नां सुरसां कद्रुकामपि॥ २२॥
अनुवाद
श्रीराम ने क्रोध में आकर अपने पेट से दस कन्याओं को जन्म दिया। उनके नाम इस प्रकार हैं: मृगी, मृगमंदा, हरी, भद्रमदा, मातंगी, शार्दूली, श्वेता, सुरभी, सर्वलक्षणसंपन्ना सुरसा और कद्रु।