श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना  »  श्लोक 16-17h
 
 
श्लोक  3.14.16-17h 
 
 
दनुस्त्वजनयत् पुत्रमश्वग्रीवमरिंदम॥ १६॥
नरकं कालकं चैव कालकापि व्यजायत।
 
 
अनुवाद
 
  शत्रुदमन! दनु ने अश्वग्रीव नामक एक पुत्र को जन्म दिया और कालका ने नरक और कालक नामक दो पुत्रों को जन्म दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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