श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 14: पञ्चवटी के मार्ग में जटायु का मिलना और श्रीराम को अपना विस्तृत परिचय देना  »  श्लोक 11-12h
 
 
श्लोक  3.14.11-12h 
 
 
कश्यप: प्रतिजग्राह तासामष्टौ सुमध्यमा:।
अदितिं च दितिं चैव दनूमपि च कालकाम्॥ ११॥
ताम्रां क्रोधवशां चैव मनुं चाप्यनलामपि।
 
 
अनुवाद
 
  काश्यप ने उन आठ सुंदर कन्याओं को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया जिनके नाम इस प्रकार हैं: अदिति, दिति, दानू, कालका, ताम्रा, क्रोधवशा, मनु और अनला।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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