सदृशं चानुरूपं च कुलस्य तव शोभने।
सधर्मचारिणी मे त्वं प्राणेभ्योऽपि गरीयसी॥ २१॥
अनुवाद
"शोभने! तुम्हारे इस कथन में तुम्हारी योग्यता ही नहीं झलक रही है, बल्कि यह तुम्हारे कुल के अनुरूप भी है। तुम मेरी सधर्मिणी हो और मेरे लिए प्राणों से भी अधिक प्रिय हो।"