श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 67: मार्कण्डेय आदि मुनियों तथा मन्त्रियों का राजा के बिना होने वाली देश की दुरवस्था का वर्णन करके वसिष्ठजी से किसी को राजा बनाने के लिये अनुरोध  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  2.67.19 
 
 
नाराजके जनपदे वाहनै: शीघ्रवाहिभि:।
नरा निर्यान्त्यरण्यानि नारीभि: सह कामिन:॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  नराजे रहित जनपद में कामुक पुरुष शीघ्रगामी वाहनों से वनों में घूमने के लिए स्त्रियों के साथ नहीं निकलते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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