जब देश अराजकता और बिना किसी नियम-कायदे के चल रहा होता है, तो वहाँ पर राष्ट्र को उन्नतिशील बनाने वाले उत्सव, जिनमें नट और नर्तक खुशी में भरकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, बढ़ नहीं पाते हैं। साथ ही, अन्य राष्ट्रहितकारी संघ या संगठन भी पनप नहीं पाते हैं।