अतिक्रान्तवया राजा मा स्मैनं व्यपरोरुध:।
कुमारराज्ये जीवस्व तस्यैवाज्ञाप्रवर्तनात्॥ २३॥
अनुवाद
राजा बहुत बूढ़े हो गये हैं, यह मानकर तुम उनका विरोध मत करना और उन्हें राजसिंहासन से न उतारना। युवराज-पद पर ही प्रतिष्ठित रहकर उनकी आज्ञा का पालन करते हुए ही जीवन-निर्वाह करना चाहिए।