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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
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सर्ग 52: श्रीराम की आज्ञा से गुह का नाव मँगाना, श्रीराम का सुमन्त्र को समझाबुझाकर अयोध्यापुरी लौट जाने के लिये आज्ञा देना,सीता की गङ्गाजी से प्रार्थना
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श्लोक 29
श्लोक
2.52.29
चतुर्दशसु वर्षेषु निवृत्तेषु पुन: पुन:।
लक्ष्मणं मां च सीतां च द्रक्ष्यसे शीघ्रमागतान्॥ २९॥
अनुवाद
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चतुर्दश वर्ष पूरे हो जाने पर हम फिर शीघ्र ही लौट आएंगे और उस समय तुम मुझे, लक्ष्मण को और सीता को फिर से देखोगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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