श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 44: सुमित्रा का कौसल्या को आश्वासन देना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  2.44.20 
 
 
धनुर्ग्रहवरो यस्य बाणखड्गास्त्रभृत् स्वयम्।
लक्ष्मणो व्रजति ह्यग्रे तस्य किं नाम दुर्लभम्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  जिनके आगे धनुर्धारी योद्धाओं में सर्वश्रेष्ठ लक्ष्मण स्वयं बाण, खड्ग आदि अस्त्र-शस्त्र लेकर चल रहे हैं, उनके लिए संसार में कौन-सी वस्तु दुर्लभ हो सकती है?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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