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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
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सर्ग 113: भरत का भरद्वाज से मिलते हुए अयोध्या को लौट आना
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श्लोक 22
श्लोक
2.113.22
तां रम्यजलसम्पूर्णां संतीर्य सहबान्धव:।
शृङ्गवेरपुरं रम्यं प्रविवेश ससैनिक:॥ २२॥
अनुवाद
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तब वे अपने संबंधियों और सैनिकों के साथ मनोहर जल से भरी हुई गंगा नदी को पार करके शृंगवेरपुर नामक सुंदर नगर में प्रवेश कर गए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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