श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 2: अयोध्या काण्ड  »  सर्ग 113: भरत का भरद्वाज से मिलते हुए अयोध्या को लौट आना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  2.113.20 
 
 
यानैश्च शकटैश्चैव हयैर्नागैश्च सा चमू:।
पुनर्निवृत्ता विस्तीर्णा भरतस्यानुयायिनी॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  सेना रथों, छकड़ों, घोड़ों और हाथियों के साथ भरत के पीछे-पीछे अयोध्या की ओर चलती हुई लौट आई।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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