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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 2: अयोध्या काण्ड
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सर्ग 111: श्रीराम को पिता की आज्ञा के पालन से विरत होते न देख भरत का धरना देने को तैयार होना तथा श्रीराम का उन्हें समझाकर अयोध्या लौटने की आज्ञा देना
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श्लोक 16
श्लोक
2.111.16
तमुवाच महातेजा रामो राजर्षिसत्तम:।
किं मां भरत कुर्वाणं तात प्रत्युपवेक्ष्यसे॥ १६॥
अनुवाद
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महातेजस्वी राजाओं में श्रेष्ठ श्री राम ने भरत से कहा- हे भरत! मैं तुम्हारा क्या अहित कर रहा हूँ कि तुम मेरे सामने धरना दे रहे हो?
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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