न नास्तिकानां वचनं ब्रवीम्यहं
न नास्तिकोऽहं न च नास्ति किंचन।
समीक्ष्य कालं पुनरास्तिकोऽभवं
भवेय काले पुनरेव नास्तिक:॥ ३८॥
अनुवाद
रघुनंदन! मैं न तो नास्तिक हूँ और न ही नास्तिकों की ही बातें करता हूँ। मेरा मानना है कि परलोक जैसी कोई चीज़ नहीं है। मैंने अवसर देखकर फिर से आस्तिक होना स्वीकार कर लिया, लेकिन जब आवश्यक हो तो मैं फिर से नास्तिक बन सकता हूँ—नास्तिकों जैसी बातें कर सकता हूँ॥ ३८॥