श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 9: सुमन्त्र का दशरथ को ऋष्यशृंग मुनि को बुलाने की सलाह और शान्ता से विवाह का प्रसंग सुनाना  »  श्लोक 7-9h
 
 
श्लोक  1.9.7-9h 
 
 
एतस्मिन्नेव काले तु रोमपाद: प्रतापवान्॥ ७॥
अंगेषु प्रथितो राजा भविष्यति महाबल:।
तस्य व्यतिक्रमाद् राज्ञो भविष्यति सुदारुणा॥ ८॥
अनावृष्टि: सुघोरा वै सर्वलोकभयावहा।
 
 
अनुवाद
 
  उसी समय अंगदेश में रोमपाद नामक एक अति प्रतापी और बलशाली राजा होंगे। उनके द्वारा धर्म का उल्लंघन हो जाने के कारण उस देश में भयंकर अनावृष्टि होगी, जो सभी लोगों के लिए अत्यंत भयावह होगी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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