श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 76: श्रीराम का वैष्णव-धनुष को चढ़ाकर अमोघ बाण के द्वारा परशुराम के तपःप्राप्तपुण्य लोकों का नाश करना तथा परशुराम का महेन्द्र पर्वत को लौट जाना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  1.76.18 
 
 
एते सुरगणा: सर्वे निरीक्षन्ते समागता:।
त्वामप्रतिमकर्माणमप्रतिद्वन्द्वमाहवे॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  सभी देवता इकट्ठा होकर आपकी ओर देख रहे हैं, क्योंकि आपके युद्ध में किए गए कर्म अद्भुत हैं। युद्ध के मैदान में आपका कोई सानी नहीं है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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