श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 70: राजा जनक का अपने भाई कुशध्वज को सांकाश्या नगरी से बुलवाना,वसिष्ठजी का श्रीराम और लक्ष्मण के लिये सीता तथा ऊर्मिला को वरण करना  »  श्लोक 44
 
 
श्लोक  1.70.44 
 
 
आदिवंशविशुद्धानां राज्ञां परमधर्मिणाम्।
इक्ष्वाकुकुलजातानां वीराणां सत्यवादिनाम्॥ ४४॥
 
 
अनुवाद
 
  अनादि काल से ही इक्ष्वाकुकुल में जन्मे राजाओं का वंश शुद्ध रहा है। वे सभी परम धर्मात्मा, वीर और सत्यवादी रहे हैं।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.