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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 70: राजा जनक का अपने भाई कुशध्वज को सांकाश्या नगरी से बुलवाना,वसिष्ठजी का श्रीराम और लक्ष्मण के लिये सीता तथा ऊर्मिला को वरण करना
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श्लोक 27
श्लोक
1.70.27
यशस्वी ध्रुवसन्धेस्तु भरतो नाम नामत:।
भरतात् तु महातेजा असितो नाम जायत॥ २७॥
अनुवाद
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यशस्वी ध्रुवसन्धि से भरत नाम के यशस्वी पुत्र का जन्म हुआ। भरत से महातेजस्वी असित नाम के पुत्र उत्पन्न हुए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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