श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 70: राजा जनक का अपने भाई कुशध्वज को सांकाश्या नगरी से बुलवाना,वसिष्ठजी का श्रीराम और लक्ष्मण के लिये सीता तथा ऊर्मिला को वरण करना  »  श्लोक 25
 
 
श्लोक  1.70.25 
 
 
धुन्धुमारान्महातेजा युवनाश्वो महारथ:।
युवनाश्वसुतश्चासीन्मान्धाता पृथिवीपति:॥ २५॥
 
 
अनुवाद
 
  धुन्धुमार के पुत्र महातेजस्वी और महारथी युवनाश्व का जन्म हुआ। युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए, जो समस्त पृथ्वी के स्वामी थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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