वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 70: राजा जनक का अपने भाई कुशध्वज को सांकाश्या नगरी से बुलवाना,वसिष्ठजी का श्रीराम और लक्ष्मण के लिये सीता तथा ऊर्मिला को वरण करना
»
श्लोक 25
श्लोक
1.70.25
धुन्धुमारान्महातेजा युवनाश्वो महारथ:।
युवनाश्वसुतश्चासीन्मान्धाता पृथिवीपति:॥ २५॥
अनुवाद
play_arrowpause
धुन्धुमार के पुत्र महातेजस्वी और महारथी युवनाश्व का जन्म हुआ। युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए, जो समस्त पृथ्वी के स्वामी थे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.