श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 69: दल-बल सहित राजा दशरथ की मिथिला-यात्रा और वहाँ राजा जनक के द्वारा उनका स्वागत-सत्कार  »  श्लोक 7
 
 
श्लोक  1.69.7 
 
 
गत्वा चतुरहं मार्गं विदेहानभ्युपेयिवान्।
राजा च जनक: श्रीमान् श्रुत्वा पूजामकल्पयत्॥ ७॥
 
 
अनुवाद
 
  चार दिन का सफर तय करने के बाद वे सभी लोग विदेह देश में पहुँच गए। उनके आगमन का समाचार सुनकर श्रीमान् राजा जनक ने स्वागत के लिए तैयारियाँ शुरू करवा दीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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