श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 67: श्रीराम के द्वारा धनुर्भंग तथा राजा जनक का विश्वामित्र की आज्ञा से राजा दशरथ को बुलाने के लिये मन्त्रियों को भेजना  »  श्लोक 9
 
 
श्लोक  1.67.9 
 
 
नैतत् सुरगणा: सर्वे सासुरा न च राक्षसा:।
गन्धर्वयक्षप्रवरा: सकिन्नरमहोरगा:॥ ९॥
 
 
अनुवाद
 
  इस पर्वत पर न तो सभी देवताओं के समूह चढ़ पाए हैं, न ही सभी असुर, न राक्षस, न गंधर्व, न बड़े-बड़े यक्ष, न किन्नर और न ही महान नाग।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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