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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 1: बाल काण्ड
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सर्ग 67: श्रीराम के द्वारा धनुर्भंग तथा राजा जनक का विश्वामित्र की आज्ञा से राजा दशरथ को बुलाने के लिये मन्त्रियों को भेजना
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श्लोक 13
श्लोक
1.67.13
महर्षेर्वचनाद् रामो यत्र तिष्ठति तद्धनु:।
मञ्जूषां तामपावृत्य दृष्ट्वा धनुरथाब्रवीत्॥ १३॥
अनुवाद
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महर्षि विश्वामित्र के आदेशानुसार श्री राम ने जिस संदूक में वह धनुष रखा था, उस संदूक को खोला और उसे देखा और फिर कहा –॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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