श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 1: बाल काण्ड  »  सर्ग 62: विश्वामित्र द्वारा शुनःशेप की रक्षा का सफल प्रयत्न और तपस्या  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  1.62.24 
 
 
सदस्यानुमते राजा पवित्रकृतलक्षणम्।
पशुं रक्ताम्बरं कृत्वा यूपे तं समबन्धयत्॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  वहाँ समस्त सदस्यों की अनुमति से राजा अम्बरीष ने पवित्र लक्षणों से युक्त श्रेष्ठ पशु के समान शुनःशेप को कुश की पवित्र रस्सी से बाँध दिया। उसके बाद उन्होंने उसे लाल रंग के वस्त्र पहनाये और यज्ञ के दौरान बाँधने वाले खंभे (यूप) से उसे बाँध दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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