मुनि कुमार! जब अम्बरीष के इस यज्ञ में तुम्हें कुश आदि के पवित्र पाशों से बाँध दिया जाए, तब तुम्हें लाल फूलों की माला और लाल चन्दन का लेपन किया जाएगा। उस समय तुम्हें विष्णु देवता से संबंधित यज्ञ-स्तंभ के पास जाकर वाणी द्वारा अग्नि की (इन्द्र और विष्णु की) स्तुति करनी है। साथ ही, तुम्हें ये दो दिव्य गाथाएँ भी गानी हैं। ऐसा करने से तुम अपनी मनोवांछित सिद्धि प्राप्त कर लोगे।