वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 56: विश्वामित्र द्वारा वसिष्ठजी पर नाना प्रकार के दिव्यास्त्रों का प्रयोग,वसिष्ठ द्वारा ब्रह्मदण्ड से ही उनका शमन,विश्वामित्र का ब्राह्मणत्व की प्राप्ति के लिये तप करने का निश्चय
»
श्लोक 22
श्लोक
1.56.22
एवमुक्तो महातेजा: शमं चक्रे महाबल:।
विश्वामित्रो विनिकृतो विनि:श्वस्येदमब्रवीत्॥ २२॥
अनुवाद
play_arrowpause
महर्षियों के कहने पर, महातेजस्वी और महाबली वसिष्ठजी शांत हो गए। पराजित विश्वामित्र ने एक गहरी साँस ली और इस प्रकार बोले-
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.