वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 1: बाल काण्ड
»
सर्ग 56: विश्वामित्र द्वारा वसिष्ठजी पर नाना प्रकार के दिव्यास्त्रों का प्रयोग,वसिष्ठ द्वारा ब्रह्मदण्ड से ही उनका शमन,विश्वामित्र का ब्राह्मणत्व की प्राप्ति के लिये तप करने का निश्चय
»
श्लोक 16
श्लोक
1.56.16
तदप्यस्त्रं महाघोरं ब्राह्मं ब्राह्मेण तेजसा।
वसिष्ठो ग्रसते सर्वं ब्रह्मदण्डेन राघव॥ १६॥
अनुवाद
play_arrowpause
राघव! वसिष्ठ जी ने अपनी आध्यात्मिक शक्ति की चमक के प्रभाव से उस भयंकर ब्रह्मास्त्र को भी ब्रह्मदंड से ही शांत कर दिया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.